Skip to main content

एक मुलाकात - Pearl के साथ


रूम . 204 - बोलते हुए Receptionist ने चाबी मेरे  हाथो में थमा दी |
दिन भर की थकान के बाद कब नींद गयी मुझे पता ही नहीं चला | चहचहाती चिडियो की मधुर आवाज और सूरज की रौशनी कमरे में आयी तो आँख खुली, घडी में सुबह के सात बज रहे थे  |

आज 1 साल बाद एक बार फिर मैं उसी शहर में था, जहा मैंने अपनी जिंदगी के सबसे हसीं पलो को जिया था, ये शहर मेरी जिंदगी की किताब के उन पन्नो में से था जो गुजरते वक़्त के साथ धुंधले नहीं पड़े थे | मै एक मीटिंग के लिए आया था परन्तु इस शहर से मेरा लगाव,गुजरे हुए दिन और उसकी यादो ने मुझे यहाँ एक दिन ओर रुकने पर मजबूर कर दिया |

हाँ, यही वो शहर था जहा मैंने उसके साथ अपनी जिंदगी के सबसे खुशनुमा पलो को साझा किया था, हाथो में हाथ डाले उसके वजूद को महसूस किया था और उसकी आँखों में अपने लिए एक सुनहरे भविष्य की कल्पना की थी | आज भी याद है मुझे जब एक दिन  रेस्त्रां में खाने का पहला निवाला उसने मुझे खिलाया था और पुछा था.. मुझे कभी छोड़ के तो नहीं जाओगे ? मैंने भी संजीदगी से जवाब दिया था  - कोई अपनी साँसों को छोड़ सकता है भला |

ट्रीन - ट्रीन रूम के फ़ोन ने मेरा ध्यान अपनी और खींचा.. ....सर Breakfast में क्या लेंगे ? – Reception  से कॉल था
2 Cheese Bread with Tea बोलते हुए मैंने फ़ोन रख दिया |

मै एक बार फिर अपने अतीत में था...
तुम्हे मालपुए पसंद है ? उसने पूछा
मुझे तो सिर्फ तुम पसंद हो मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया |
मालपुए पुष्कर की फेमस मिठाई है बोलते हुए उसने  2 प्लेट आर्डर कर दी |

पुष्कर.... ब्रम्हा जी का शहर। ....विश्व का एक मात्र ब्रम्हा जी का मंदिर पुष्कर में है, सालभर  देश - विदेश के सैलानियों का आना जाना लगा रहता है | मुझे पुष्कर सिर्फ   इसलिए पसंद नहीं की वो एक बहुत फेमस टूरिस्ट प्लेस है मुझे पुष्कर इसलिए पसन्द  है क्योकि वो पारुल को पसंद है | पारुल वो लड़की जिसके साथ मैंने जीने मरने की कसमे खायी थी, वो लड़की जिसके साथ में खुद को इस दुनिया का सबसे खुशनसीब व्यक्ति मानता था, उसके साथ होते हुए मुझे ऐसा लगता था की पूरी कायनात मेरे साथ है, वो मेरे लिए प्रेरणा थी, मेरी हिम्मत थी, उसके होते मैंने खुद को कभी अकेला महसूस नहीं किया  | Pearl... हाँ पारुल को में प्यार से Pearl  ही तो बुलाता था,  Pearl मतलब मोती जो बेशकीमती होता है....  वो भी तो बेशकीमती थी मेरे लिए |

Sir  Your  Breakfast  - वेटर ने आवाज लगाई |
थैंक्यू - ब्रेकफास्ट लेते हुए मैंने बोला
नाश्ता कर के मै मार्केट घूमने गया | 1 साल बाद भी ये शहर बिलकुल नहीं बदला था, हर तरफ मंदिर, सैलानियों की भीड़, पानी के कुंड, रेस्त्रां , सब कुछ वैसा ही था , बदले थे तो सिर्फ अहसास..... भावनाएं। .....आज एक बार फिर मै इस भीड़ भरी दुनियां खुद को अकेला महसूस कर रहा था |

मै  आज एक बार फिर उसी रेस्त्रां में था, जहा मैंने Pearl   साथ Lunch  किया था, मेन्यु कार्ड से आज भी उसकी पसंद के मलाई कोफ्ता, दही और रसगुल्ले आर्डर कर के मै एक बार  फिर अपने अतीत में खोने लगा....... मै  1 रसगुल्ला ज्यादा खाऊगी..... और  दही भी  .......... .Pearl  की आवाज मेरे कानो में गूंजने लगी....
आज से पहले मेरा अतीत मेरे वर्तमान पर  इतना हावी कभी नहीं हुआ था,तभी  वेटर खाना ले कर गया.....  अविनाश.... एक बार फिर पर्ल की  कानो में गुजने लगी,.... ये आज क्या हो  रहा है मेरे साथ....... मैंने खुद से कहा। ....... अविनाश ....... वही आवाज एक बार फिर  ........ मैंने अपने कानो पर हाथ  लिए....... अविनाश ,,,,,,, तुम यहाँ कैसे ? वही चेहरा, वही आँखे... वही प्यारी आवाज ..... Pearl.... क्या तुम सच में......... मै आवाक था। 

......  कही ये कोई सपना तो नहीं ?? नहीं ये सपना नहीं था... तुम सच में यहाँ क्यों....मतलब कैसे ???  मुझे अब भी विश्वास नहीं हो रहा था |
मै अपनी फ्रेंड की शादी में आयी थी.... उसने कुर्सी पर बैठते हुए कहा |
और तुम यहाँ ? - मै एक मीटिंग लिए आया था , मैंने कहा |
मैंने रसगुल्ले ऑफर करते हुए कहाPlease Take it
रसगुल्ले देख वो 1 सेकंड के लिए मेरी आँखों में कुछ खोजने लगी, मैं नजरे चुराने लगा |
जिंदगी में कब कहाँ कौन सा मोड़ जाए, कोई कह नहीं सकता | आज 1 साल बाद वही लड़की मेरे सामने थी जो मेरी लाइफ-लाइन हुआ करती थी, 1 साल में वो बिलकुल नहीं बदली थी, परन्तु हाँ 1 साल पहले उसके मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र नहीं हुआ करता था |
आज का क्या प्लान है ? उसने रसगुल्ला खाते हुए पूछा                                                     
अभी तक तो कुछ ख़ास नहीं .... मैंने धीरे से  जवाब दिया |                                              
क्या एक बार फिर मुझे पुष्कर घुमाओगे ? उसने मेरी तरफ देखते हुए पूछा
सिर्फ एक बार क्यों मै  तो हर बार घुमाना चाहता हु , मैंने मन में सोचा |
हाँ जरूर..... कहते  हुए मैंने वेटर को बिल के लिए इशारा किया |

आज हम एक बार फिर उसी ब्रम्हा जी के मंदिर में थे जहा आज से 1 वर्ष पहले मैंने सिर्फ Pearl  के लिए प्रार्थना की थी और यक़ीनन उसने भी मेरे लिए प्रार्थना की होगी |
क्या माँगा आज भगवान् से ?- उसने मंदिर से बाहर निकलते हुए पूछा
मेरे माँगने के लिए बचा ही क्या है ? मैंने मुस्कुराते  हुए जवाब दिया |
शाम ढलने लगी थी, हम पानी के कुंड के पास बने चबूतरे पर बैठे बात करने के लिए विषय खोज रहे थे , एक अजीब सा सन्नाटा अजब सी उदासी पसरी थी | जिस इंसान से मै बहुत कुछ बोलना चाहता था आज वो मेरे सामने था परन्तु हर बार बोलने के लिए लफ्ज कहा मिल  पाते है |

कैसी चल रही है तुम्हारी लाइफ ? - मैंने पूछा
अच्छी चल रही है, मेरे पति बहुत केयरिंग है और बहुत प्यार भी करते है मुझसे - उसने बोला |
तुम्हारी लाइफ कैसी चल रही है ?
मै कुछ क्षण के लिए खामोश हो गया |
मै उसे बताना चाहता था की किस तरह उसके जाने के बाद सब कुछ खत्म सा हो गया, किस तरह मेरे सपने, मेरी इच्छाएं सब कुछ बर्बाद सी हो गयी, मै बताना चाहता था की किस तरह मैंने कई राते बिना सोये गुजारी है, किस तरह कई महीने मैंने रोते हुए गुजरे है | मै बताना चाहता था की किस तरह तरह उसके जाने के बाद जिंदगी का मानो कोई लक्ष्य ना रह गया हो, मै चाहता था की वो देखे उस दर्द को जिसे मैंने कई महीनो तक जिया है , मै उसे अहसास करवाना चाहता था वो अकेलापन, वो अधूरापन जो मेरी जिंदगी का एक हिस्सा बन गया था | परन्तु मैंने उसे कुछ नहीं बताया , ये भी नहीं की उसके जाने के बाद 1:30 महीने तक मै डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारी का शिकार रहा | मै बस चुपचाप पानी को और उसकी शांत प्रकृति को देख रहा था |
क्या तुम अब भी मुझसे प्रेम करती हो? मैंने पूछा
हाँ - उसने संक्षिप्त सा जवाब दिया
तो फिर मुझे छोड़ कर क्यों गयी ?
प्रेम का अर्थ सिर्फ पाना तो  नहीं होता न - उसने मेरी तरफ देख कर कहा |

मै जानती हु अविनाश की मेरे जाने के  पर क्या गुजरी होगी - उसने आगे कहा, परन्तु जिंदगी में सब कुछ हमारे हाथ में नहीं होता | समय के साथ आगे बढ़ना ही पड़ता है और यही प्रकृति का नियम भी है - उसने दार्शनिक भाव से कहा | ये समय ही तो है जो सभी घाव भर देता है  और पुरानी यादो को धुंधला कर देता है। .... उसने बोलना जारी रखा। ..... समय के साथ सब कुछ एडजस्ट हो जाता है
क्या सच में "सब कुछ" ??? मैंने पूछा.....  मै जानता ही की समय में वो ताकत है की वो जिंदगी के हर पन्ने को धुंधला कर सकता है परन्तु जिंदगी की किताब के कुछ पेज ऐसे भी होते है जिन्हे न तो धुंधला किया जा सकता है और  न ही भुलाया जा सकता है |
खामोशी ने एक बार  फिर  हमारे बीच पैर पसार लिए |
तुम्हे याद है जब भी हम मिला करते थे तुम हमेशा  कुछ न कुछ गिफ्ट दिया करते थे - उसने कहा |
हाँ, याद है.... कैसे भूल सकता हु -  मैंने जवाब दिया
तो फिर आज मुझे गिफ्ट नहीं दोगे? उसने पूछा...
अभी इस वक़्त क्या गिफ्ट दू?
अविनाश एक गिफ्ट है जो दे सकते हो ....
क्या? मैंने पूछा
मेरे अविनाश को अविनाश लौटा दो.....
मतलब मै कुछ समझा नहीं
मतलब मै चाहती हु की तुम बिलकुल पहले जैसे हो जाओ, जिंदादिली से अपनी जिंदगी जियो, अपने सपनो को पंख दो, उन्हें पूरा करो | तुम जानते हो अविनाश, उसने मेरी हथेलिया अपनी हथेलियों में लेते हुए कहा, जिस दिन तुम अपने उन  सपनो को पूरा कर लोगे,जो तुम मुझे बताया करते थे  उस दिन मुझसे ज्यादा खुश  कोई ओर इंसान नहीं होगा |
दो आंसू मेरे गालो पर लुढ़क आये......आज भी इतनी केयर है तुम्हे मेरी……….खुद से भी ज्यादा उसने आंसू पूछते हुए जवाब दिया |
और मेरा गिफ्ट ? मैंने पूछा |
क्या दे सकती हु मै? उसने मेरी आँखों में आँखे डाल कर बोला
तुम वचन दो की हमेशा मुझसे प्यार करती रहोगी, सुख में याद करो या ना करो दुःख में जरूर याद करोगी।
रात गहराने लगी थी, आसमान में तारे अपनी मद्धिम रौशनी से अंधकार को दूर करने का प्रयास कर रहे थे...... 
अब लौट चले ? मैंने पूछा
जिंदगी में लौट आना कहा मुमकिन होता है......उसने  जवाब दिया और जाने के लिए खड़ी हो गयी
अब कब मिलोगे उसने पूछा......... 
मै तुमसे जब चाहु तब मिल सकता हु
मेरे ख्वाब किसी मजबूरी के मोहताज तो नहीं
 
 


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

कभी कुछ ना कर के भी देखो

कभी कुछ ना कर के भी देखो - कल ही TV पर  Cadbury Five Star का एक विज्ञापन देखा (Eat Five Star Do Nothing) कभी कुछ ना कर के भी देखो |  कितना सही कहा है, हर व्यक्ति जिंदगी में कुछ न कुछ करने की कोशिश में लगा रहता है परन्तु कभी कुछ ना करना भी अच्छा होता है जैसे - कभी किसी की बुराई ना कर के भी देखो कभी किसी का अपमान ना कर के भी देखो कभी Employee/Waiter/Servant पर गुस्सा ना कर के भी देखो  काम के लिए बहाने ना बना कर के भी देखो  कभी किसी का दिल ना दुख कर भी देखो  देर रात तक जागने को ना कह कर भी देखो  कभी अल्कोहल या सिगरेट के लिए ना कर के भी देखो  कभी किसी को Judge ना कर के भी देखो  दुसरो से खुद की तुलाना ना कर के भी देखो  कमाई से ज्यादा खर्चे ना कर के भी देखो  बिना आवश्यकता के सिर्फ सस्ता होने पर ना खरीद के भी देखो बीते हुए कल को याद ना कर के भी देखो    ऐसी ओर भी बहुत सारी चीजे/आदते/लोग है जिनके कारण हम परेशान रहते है या जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते उन तमाम चीजों को ना कर के देखो। गलत चीजों के लिए ना कहना बुरा नहीं ह।  कई बार लो...

रुकना भी है जरूरी (भाग-1)

जिंदगी में चलने या दौड़ने के साथ-साथ रुकने का भी अपना महत्व है।   जिंदगी में चलने के लिए रुकना भी जरूरी है | हम में से हर कोई जल्द से जल्द अपनी मंजिल को पाना चाहता है, अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहता है, अपने सपनो को पूरा करना चाहता है परंतु चलने के लिए सही जगह पर रुकना ज्यादा जरूरी है, बिना रुके आप शायद अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच सकते | जिंदगी की यात्रा में अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए  4 जगह रुकना जरुरी है और वो जगह कौन सी है ?आज मै आपसे उस बारे में बात करना चाहूँगा  उदाहरण के तौर पर अगर आप अपने शहर से किसी दूसरे शहर जाने के लिए कार ले कर निकले है, आपको चाहे कितनी भी जल्दी पहुँचना हो आपको 4 जगह तो  रुकना ही पड़ेगा  |  सबसे पहली जगह है-  पेट्रोल पंप | क्या बिना पेट्रोल के आप अपनी मंजिल तक कभी पहुँच सकते है? कदापि नहीं, चाहे कितनी भी इमरजेंसी क्यों ना हो,पेट्रोल तो चाहिए ही, बिल्कुल उसी तरह जिंदगी की यात्रा में सफलता को पाने के लिए नवीनीकरण का पेट्रोल चाहिए | जहा भी कुछ नया सीखने  को मिल रहा है, रुक जाओ, ये मत कहो की अभी कुछ नया सीखने के लिए समय ...

STOP - Before You Succeed

If  You Want to Start Your Journey for Success, You have to Stop  -   STOP - Sleeping Too Late STOP - Skipping Workout's STOP - Missing Opportunity  STOP - Listening To Negativity STOP - Overthinking Everything STOP - Wasting Your Time STOP - Wasting Money on Showoff  STOP - Underestimate Yourself  STOP - Comparing Yourself With Anybody STOP - Regret About The Past STOP - Blaming Other's Stop All these Things For A Bright Future & Life.  You Can Do Positive Replacement - Complaining - Gratitude Overthinking - Action Blame - Responsibility  Underestime Yourself  - Belive     Wasting Money - Investing Fast Food - Home-Made Food Toxic Friend's - Mentors T.V. - Exercise    I Wish You All The Best for Your Journey of Success  

रुकना भी है जरूरी (भाग-2)

रुकने का अर्थ खत्म होना कदापि नहीं है, रुकना जरूरी है, सफर का आनंद लेने के लिए, आस-पास की चीजों को जानने और समझने के लिए |  रुकना जरुरी है - नयी ऊर्जा के संचय के लिए, जोश और उत्साह के लिए, पूर्व में किये गए काम के अवलोकन और भविष्य में करने वाले काम की तैयारी करने के लिए |  सफर चाहे एक शहर से दूसरे शहर का हो या जिंदगी का, दूसरी जगह जहा रुकना ही पड़ेगा वो है - टोल टैक्स  गेट (पहली जगह कौन  सी है ये जानने के लिए देखे भाग -1 ) चाहे कितनी भी जल्दी में क्यों ना हो,टोल टैक्स पर तो रुकना ही पड़ेगा, टैक्स तो देना ही पड़ेगा बिल्कुल उसी तरह जिंदगी के सफर में भी जहां भी मौका मिले किसी के लिए कुछ करने का, किसी को कुछ देने का वहा रुक जाइये | जिंदगी की भाग-दौड़ के बीच मानवता को जिंदा रखे।   इंसान होना एक अलग बात है और इंसानियत होना एक अलग, हमेशा सिर्फ लेना ही नहीं देना भी सीखे,  फिर चाहे वो दान हो, सम्मान हो, समय हो या सहयोग ।  देने की भावना आपको उदार बनाती है, सकारात्मक बनाती है और साथ ही आपके मन को असीम शांति भी प्रदान करती है | प्रकृति से ज्यादा खूबसूरत ओर कुछ न...

बोलिये - क्योकि बोलने से सब होगा

बोलने से दुनियाँ आगे बढ़ती है, बोलिये क्योकि बोलने से सब होगा | बस पता होना चाहिए की बोलना किससे है......??? कल TV पर ये विज्ञापन देख कर वाकई मै सोचने लगा की क्या हमें सच में पता है की किससे बोलना है ???    हम अपनी जिंदगी की कई अहम घटनाओं के बारे में माता - पिता से बोलने के बजाय बाहर के लोगो से बोलना ज्यादा पसंद करते है | कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पूर्व भी परिवार जनो से बोलना उचित नहीं समझते | किसी ख़ास दोस्त के साथ हुई ग़लतफ़हमी के बारे में हम दुनियाँ के तमाम लोगो से बोलना पसंद करते है | आपसी रिश्ते की तकरार को सोशल मीडिया पर बोलना ज्यादा अच्छा लगता है| बोलिये उनसे जो आपके साथ संवेदनशील है, जो आपको समझते है, जो आपको सही राह दिखा सकते है | किसी के साथ कितना भी मनमुटाव क्यों ना हो, बातचीत कभी बंद मत कीजिये क्योकि चुप होने से सुलह के सारे रास्ते बंद हो जाते है|   बोलना बहुत जरूरी है परन्तु बेशक ये पता होना चाहिए की बोलना किससे  है| Written By - ANSHUL MOONAT