रुकने का अर्थ खत्म होना कदापि नहीं है, रुकना जरूरी है, सफर का आनंद लेने के लिए, आस-पास की चीजों को जानने और समझने के लिए |
रुकना जरुरी है - नयी ऊर्जा के संचय के लिए, जोश और उत्साह के लिए, पूर्व में किये गए काम के अवलोकन और भविष्य में करने वाले काम की तैयारी करने के लिए |
सफर चाहे एक शहर से दूसरे शहर का हो या जिंदगी का, दूसरी जगह जहा रुकना ही पड़ेगा वो है - टोल टैक्स गेट (पहली जगह कौन सी है ये जानने के लिए देखे भाग -1 )
चाहे कितनी भी जल्दी में क्यों ना हो,टोल टैक्स पर तो रुकना ही पड़ेगा, टैक्स तो देना ही पड़ेगा बिल्कुल उसी तरह जिंदगी के सफर में भी जहां भी मौका मिले किसी के लिए कुछ करने का, किसी को कुछ देने का वहा रुक जाइये | जिंदगी की भाग-दौड़ के बीच मानवता को जिंदा रखे।
इंसान होना एक अलग बात है और इंसानियत होना एक अलग, हमेशा सिर्फ लेना ही नहीं देना भी सीखे, फिर चाहे वो दान हो, सम्मान हो, समय हो या सहयोग । देने की भावना आपको उदार बनाती है, सकारात्मक बनाती है और साथ ही आपके मन को असीम शांति भी प्रदान करती है | प्रकृति से ज्यादा खूबसूरत ओर कुछ नहीं इस दुनियाँ में क्योकि प्रकृति भी सिर्फ देना ही जानती है। बिना कुछ दिए कुछ भी पाने की इच्छा रखना व्यर्थ है | एक साँस लेने के लिए भी एक साँस देना पड़ती है |
समय दीजिये - अपने रिश्तो को
प्रेम दीजिये - परिवार को
सहयोग दीजिये - दोस्तों को
प्रेरणा दीजिये - निराशा से घिरे किसी व्यक्ति को
शुभकामनाये दीजिये - सफल व्यक्ति को
हिम्मत दीजिये - विफल व्यक्ति को
ये सुची बहुत लंबी हो सकती है, ये तो आप पर निर्भर करता है की आप क्या करना चाहते है | मै सिर्फ इतना ही कहना चाहता हु की चाहे आप कही भी हो, किसी भी परिस्तिथि में हो कुछ न कुछ देने की आदत डालिये, ज्यादा कुछ नहीं तो किसी को मुस्कान तो किसी को धन्यवाद दीजिये |
रुकना जरुरी है - नयी ऊर्जा के संचय के लिए, जोश और उत्साह के लिए, पूर्व में किये गए काम के अवलोकन और भविष्य में करने वाले काम की तैयारी करने के लिए |
सफर चाहे एक शहर से दूसरे शहर का हो या जिंदगी का, दूसरी जगह जहा रुकना ही पड़ेगा वो है - टोल टैक्स गेट (पहली जगह कौन सी है ये जानने के लिए देखे भाग -1 )
चाहे कितनी भी जल्दी में क्यों ना हो,टोल टैक्स पर तो रुकना ही पड़ेगा, टैक्स तो देना ही पड़ेगा बिल्कुल उसी तरह जिंदगी के सफर में भी जहां भी मौका मिले किसी के लिए कुछ करने का, किसी को कुछ देने का वहा रुक जाइये | जिंदगी की भाग-दौड़ के बीच मानवता को जिंदा रखे।
इंसान होना एक अलग बात है और इंसानियत होना एक अलग, हमेशा सिर्फ लेना ही नहीं देना भी सीखे, फिर चाहे वो दान हो, सम्मान हो, समय हो या सहयोग । देने की भावना आपको उदार बनाती है, सकारात्मक बनाती है और साथ ही आपके मन को असीम शांति भी प्रदान करती है | प्रकृति से ज्यादा खूबसूरत ओर कुछ नहीं इस दुनियाँ में क्योकि प्रकृति भी सिर्फ देना ही जानती है। बिना कुछ दिए कुछ भी पाने की इच्छा रखना व्यर्थ है | एक साँस लेने के लिए भी एक साँस देना पड़ती है |
समय दीजिये - अपने रिश्तो को
प्रेम दीजिये - परिवार को
सहयोग दीजिये - दोस्तों को
प्रेरणा दीजिये - निराशा से घिरे किसी व्यक्ति को
शुभकामनाये दीजिये - सफल व्यक्ति को
हिम्मत दीजिये - विफल व्यक्ति को
ये सुची बहुत लंबी हो सकती है, ये तो आप पर निर्भर करता है की आप क्या करना चाहते है | मै सिर्फ इतना ही कहना चाहता हु की चाहे आप कही भी हो, किसी भी परिस्तिथि में हो कुछ न कुछ देने की आदत डालिये, ज्यादा कुछ नहीं तो किसी को मुस्कान तो किसी को धन्यवाद दीजिये |

Super 💕💕💕
ReplyDeleteIt's nice...Commendable
ReplyDeleteThanks
DeleteNice article
ReplyDeleteThanks
DeleteNice one
ReplyDeleteशानदार 👌
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