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Showing posts from April, 2020

एक मुलाकात - Pearl के साथ

रूम न . 204 - बोलते हुए Receptionist ने चाबी मेरे   हाथो में थमा दी | दिन भर की थकान के बाद कब नींद आ गयी मुझे पता ही नहीं चला | चहचहाती चिडियो की मधुर आवाज और सूरज की रौशनी कमरे में आयी तो आँख खुली , घडी में सुबह के सात बज रहे थे   | आज 1 साल बाद एक बार फिर मैं उसी शहर में था, जहा मैंने अपनी जिंदगी के सबसे हसीं पलो को जिया था , ये शहर मेरी जिंदगी की किताब के उन पन्नो में से था जो गुजरते वक़्त के साथ धुंधले नहीं पड़े थे | मै एक मीटिंग के लिए आया था परन्तु इस शहर से मेरा लगाव , गुजरे हुए दिन और उसकी यादो ने मुझे यहाँ एक दिन ओर रुकने पर मजबूर कर दिया | हाँ , यही वो शहर था जहा मैंने उसके साथ अपनी जिंदगी के सबसे खुशनुमा पलो को साझा किया था , हाथो में हाथ डाले उसके वजूद को महसूस किया था और उसकी आँखों में अपने लिए एक सुनहरे भविष्य की कल्पना की थी | आज भी याद है मुझे जब एक दिन   रेस्त्रां में खाने का पहला ...

"कुछ अनकही बातें"

"कुछ अनकही बातें" कुछ अनकही बाते जो कही नहीं जाती....पर जानता हु मैं की समझती हो तुम..... कुछ अहसास जो दिखाए  नहीं जाते....कुछ शब्द जो बोले नहीं जाते....  कुछ भावनाये जो व्यक्त नहीं की जाती....पर जानता हु मैं की समझती हो तुम.... कुछ अनसुलझे रहस्य जिनसे वाकिफ हो तुम.... कुछ अनजान किस्से....कुछ अनजान पल.... कुछ अनजान दौर....जिनकी गवाह हो सिर्फ  तुम.... कुछ अजनबी रास्ते....कुछ अजनबी मंजिले....  कुछ अपरिचित सपने....कुछ  अनगिनत यादे.... जिनसे भली-भाँती वाकिफ हो तुम.... क्योकि....समझती हो तुम मुझे....मेरे सपनो को.... मेरी भावनाओ को....मेरे अहसास को.... मेरी इच्छाओ  को और.... समझती हो कुछ  अनकही बातो  को जो कोई नहीं जानता........"तुम्हारे सिवा" @ansh_diaries